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Sanstha Prayer (Prarthana)

 

                  हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||

राम कृष्ण रहीम ख्रिस्त

बुध्द झरतुष्ट्र |

महावीर मानव संत मानव्याचे दीपस्तंभ

लीन दीन होऊन त्यांचे

वंदुया चरण |

सत्य, शील, प्रामाणिकता,

त्याग, पिळवणुकीस आळा,

मानव्याचे अधिष्ठान

ईशतत्व दर्शन

यांचे ज्ञान नि विज्ञान हाच सुसंस्कार |

विवेकाच्या आनंदाचा लाभ शिक्षणात ||

- पूज्य डॉ. बापूजी साळुंखे

 

अग्ने नय सुपथा राये अस्मान्
विश्वानि देव वयुनानि विद्वान |
युयोध्यस्मज्ज्रुहुराणमेनो
भूयिष्ठां ते नम उक्तिम् विधेम ||

 

- ईशावास्योपनिषद् 

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